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हाईलाइटिंग और कॉन्टूरिंग- चेहरे को शेप देने के टिप्स | Highlighting and contouring- tips to shape the face

हाईलाइटिंग और कॉन्टूरिंग- चेहरे को शेप देने के टिप्स

पर्दे पर एक्ट्रेसज और मॉडल्स के परफेक्ट फेस को देखकर लगता है काश हमारा फेस भी इनके जैसे पतला होता हमारे फीचर्स भी इतने शार्प होते। कई बार हम सोचने लग जाते हैं कि आखिर ये होता कैसे है तो हम आपको बता दें ये सारा कमाल होता है हाईलाइटिंग और कॉन्टूरिंग का।

हम में से ज्यादातर लोगों के लिये मेकअप मतलब केवल काजल,आईलाइनर, लिपस्टिक और फाउंडेशन होता है। हम सभी के फेस शेप्स अलग-अलग होते हैं उसे हाईलाइटिंग और कॉन्टूरिंग से सही शेप कैसे दिया जाए ये हम में से ज्यादातर लोगों को पता ही नहीं होता हैं। चौड़े माथे को पतला दिखाना, डबल चीन को हाइड करना, जॉ लाइन को परफेक्ट शेप देना ये सब हाईलाइटिंग और कॉन्टूरिंग से संभव है। लेकिन इसे किया कैसे जाता हैं अलग-अलग फेस शेप्स के मुताबिक ये काम कैसे करता है, इस बात की नॉलेज लोगों को होती ही नहीं है। हम में से अधिकतर लोग केवल बेसिक मेकअप करते हैं जिसमें आईलाइनर लगाना, लिपस्टिक लगाना और फाउंडेशन लगाना आता है बस और इससे उनके चेहरे को सही शेप और डाइमेंशन नहीं मिल पाता है और उनका चेहरा फ्लैट दिखने लगता है। 

ऐसे में चेहरे को शेप देने के लिये सही तरिके से हाईलाइटिंग और कॉन्टूरिंग करने आना भी बहुत ही जरुरी है। आज इस लेख में हम आपको हाईलाइटिंग और कॉटूरिंग के बारे में बताने वाले हैं इसलिये इस लेख को आखिर तक जरुर पढें और इसके साथ ही साथ फेस को शेप देने के लिये कई महचत्वपूर्ण टिप्स भी के बारे में भी जानें। 

हाईलाइटिंग और कॉन्टूरिंग क्या होता है?

सबसे पहले तो हाईलाइटिंग और कॉन्टूरिग होता क्या है ये जानना भी बहुत ही जरुरी है तो हम आपको बता दें कि कॉन्टूर एक ऐसा मेकअप टेक्निक है जिसमें डार्क शेड्स को यूज करके चेहरे के मोटे या बड़े भागों को पतला दिखाते हैं। वहीं हाईलाइटिंग में हम लाइटर शेड्स का यूज करके चेहरे के कुछ खास फीचर्स को हाइलाइट करते हैं। 

इन दोनों के यूज से एक ऐसा इल्यूजन क्रिएट होता है जिससे हमारा फेस पतला और हमारे फीचर्स शार्प दिखने लगते हैं जो कि देखने में बेहद ही आर्कषक नजर आता है। 

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कॉन्टूर करके जहाँ आपका फेस बेहद ही शार्प और सुडौल दिखता है वहीं अगर इसे सही तरिके से नहीं किया गया तो ये पूरे चेहरे के बनावट को बिगाड़ देता है। इतना ही नहीं इसके ज्यादा यूज से ये आपके फेस को काला भी दिखा सकता है। 

हाईलाइटिंग और कॉन्टूरिंग का तरिका

हमेशा हाईलाइटिंग और कॉन्टूरिंग से पहले अपना बेस मेकअप जरुर कर लें। सबसे पहले अपने फेस को क्लीन करें, फिर मॉश्चराइजर लगाएं और इसके बाद प्राइमर की एक लेयर अपने चेहरे पर जरुर अप्लाई करें। ये आपके मेकअप को चेहरे पर स्मूदली ग्लाइड करने में मदद करेगा और साथ ही फेस और मेकअप के बीच एक बैरियर का काम करता है और इससे मेकअप भी देर तक टिका रहता है। सके बाद चेहरे के दाग-धब्बों को हाइड करने के लिये उन्हें कंसील करें और आखिर में फाउंडेशन लगाएं। फाउंडेशन लगाने के बाद ज्यादातर ऐसा होता है कि हमारा फेस सपाट दिखने लगता है। ऐसे में हाईलाइटिंग और कॉन्टूरिंग करके हम अपने चेहरे को आर्कषक बनाते हैं। हाईलाइटिंग और कॉन्टूरिंग के द्वारा अपने चेहरे के फीचर्स को उभारते हैं जिससे चेहरे को एक प्रॉपर शेप मिलता है और चेहरा सुडौल दिखता है।

कॉन्टूरिंग करने के लिये हमेशा डार्क शेड के फाउंडेशन, कंसीलर अथवा पाउडर का यूज किया जाता है। कॉन्टूर फेस के अलग-अलग हिस्सों पर किया जाता है,जिसमें फोरहेड, जॉ लाइन, नाक के बाहरी ओर, हेयर लाइन और चीकबोन्स का एरिया शामिल होता है। इन जगहों पर ब्रश की सहायता से प्रोडक्ट को अप्लाई करें और हल्के हाथों से से अच्छे तरिके से इसे ब्लेंड कर लें।

इसके बाद बारी आती है हाईलाइटिंग करने की। हाईलाइट करने के लिये लाइटर शेड्स का प्रयोग किया जाता है। कुछ लोग कॉन्टूर से पहले फाउंडेशन लगाने के बाद ही हाईलाइटर लगाते हैं वहीं कुछ लोग कॉन्टूर करने के बाद हाईलाइट करते हैं। कॉन्टूर के जैसे ही हाईलाइटिंग भी चेहरे के कुछ खास हिस्सों पर ही किया जाता है, जिसमें खासकर आँखों के नीचे, नोज ब्रीज, नोज टिप, चिन, गालों के ऊपरी हिस्सों पर और माथे के सेंटर पर किया जाता है। हाईलाइटर क्रीम, पाउडर और लिक्विड फॉर्म में आते हैं। पने हाथों या ब्रश की सहायता से इन स्पेसिफिक हिस्सों पर हाईलाइटर लगाएं और इसे ब्रश अथवा ब्यूटी ब्लेंडर की मदद से हल्के हाथों से ब्लेंड करें। 

कुछ खास टिप्स

कभी भी एक बार में ज्यादा हाईलाइटर अथवा कॉन्टूर का इस्तेमाल ना करें, कम से कम प्रोडक्ट को लें और जरुरत के हिसाब से उनकी क्वॉन्टिटी बढ़ाएँ।

बहत ज्यादा मात्रा में कॉन्टूर का इस्तेमाल करने से चेहरा काला दिखने लगता है। ठीक वैसे ही ज्यादा हाईलाइटर लगाने से चेहरा सफेद और सपाट हो जाता है।

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हाईलाइटिंग और कॉन्टूरिंग में सारा कमाल ब्लेंडिंग का होता है। ब्लेडिंग करते समय ध्यान रखें कि कहीं भी हार्श लाइन ना रहे जो कि देखने में बहुत ही अजीब लगता है। 

कॉन्टूरिंग के लिये हमेशा बड़े और छोटे एंगल्ड ब्रश ही चुनें।

क्रीम कॉन्टूर के बजाय पाउडर कॉन्टूर ज्यादा बेहतर साबित होता है, इसे लगाने के बाद चेहरे पर पैचेज नहीं आते हैं।

अगर आप चाहें तो कॉन्टूर करने से पहले हाईलाइटर लगा सकते हैं, इससे आपको चेहरे के किन हिस्सों को कॉन्टूर करना है ये समझने में आसानी होगी।    

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