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मेकअप में स्टेरिलाइजेशन – स्वच्छता के महत्वपूर्ण नियम | Sterilization in Makeup – Important Rules of Hygiene

मेकअप में स्टेरिलाइजेशन – स्वच्छता के महत्वपूर्ण नियम | Sterilization in Makeup – Important Rules of Hygiene

किसी भी सैलून तथा ब्यूटी पार्लर में वहाँ प्रयोग होने वाले मेकअप उत्पादों, उपकरणों तथा टूल्स की उचित साफ-सफई को और उन्हें जर्म मुक्त करने की प्रक्रिया को स्टेरिलाइजेशन कहते हैं। किसी भी सैलून या ब्यूटी पार्लर से मेकअप कराने से पहले सबसे पहले जिस बात का ध्यान रखना चाहिए वो होता है उनके स्वच्छता को लेकर मापदंड क्या है।

सैलून अथवा ब्यूटी पार्लर के कर्मचारी स्वच्छता को कितना महत्व देते हैं और इसे लेकर वो कितने सजग हैं खासकर मेकअप उपकरणों और प्रोडक्ट्स की स्वच्छता को लेकर, कितनी अहमियत दी जा रही है। छोटे या बड़े हर सैलून और ब्यूटी पार्लर में मेकअप उत्पादों को लेकर कुछ खास तरह के स्वच्छता संबंधी नियम जरुर होते हैं जिनका वहाँ के कर्मचारियों के द्वारा पालन किया जाता है।

कोरोना जैसे महामारी के दौर में तो ये और भी जरुर हो जाता है कि मेकअप प्रोडक्ट तथा टूल्स की सैनिटाइजेशन नियमित रुप से किया जाए जिससे कि ऐसी बीमारियों से बचा जा सके। मेकअप में स्टेरिलाइजेशन की प्रक्रिया क्या होती है, कैसे इसका पालन किया जाता है आज हम इस लेख को आपको इससे जुड़ी जानकारी के बारे में विस्तार से बताने वाले हैं तो इस लेख को आखिर तक जरुर पढें। 

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स्टेरिलाइजेशन क्या है?

स्टेरिलाइजेशन क सी प्रक्रिया है जिसमें किसी भी वस्तु को जर्मफ्री यानि कि जीवाणु मुक्त किया जाता है। इसके कई स्टेप्स होते हैं कई विधियों के द्वारा सैलून तथा ब्यूटी पार्लर में पयोग होने वाले उपकरणों और अन्य वस्तुओं को स्टेरिलाइज किया जाता है।

स्टीमिंग मेथड

इसमें सबसे पहले आता है वस्तओं को एक स्टीमर में में डालकर क निश्चित प्रेसर पर स्टीम यानि भाप के द्वारा जर्मफ्री किया जाता है।  स्टीमिंग की स प्रक्रिया में सभी उपकरण अथवा टूल्स जीवाणु मुक्त हो जाते हैं। लगभग हर सैलून तथा ब्यूटी पार्लर में इसका प्रयोग किया जाता है।

ब्यॉइलिंग मेथड

इस प्रक्रिया के तहत उबलते हे पानी में सभी उपकरणों और टूल्स को डाल दिया जाता है और लगभग 20 से 25 मिनट तक उन्हें उबाला जाता है, जिससे कि सारे जर्म्स नष्ट होकर सभी वस्तुएँ जीवाणु मुक्त हो जाते हैं। इस प्रक्रिया के साथ एक समस्या यह कि है कि ज्यादातर सैलून और ब्यूटी पार्लर में इसे उपयोग में लाना सम्भव नहीं हो पाता है।

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सेंकना

इस प्रक्रिया का उपयोग बड़े-बड़े सैलून तथा ब्यूटी पार्लर में किया जाता है। इस प्रक्रिया में वस्तुओं को सूखा रहने पर ही गरम किया जाता जिससे कि सारे बैक्टीरिया पूरी तरह से नष्ट हो जाते हैं। इस विधि से कपड़े, तौलिया और अन्य ऐसी वस्तुओं को जीवाणु मुक्त किया जाता है।  

रसायनिक विधि

इस विधि में विभिन्न प्रकार के रसायनों का प्रयोग करके मेकअप प्रसाधनों, उपकरणों और टूल्स को डिसइन्फैक्ट किया जाता है। इसमें सबसे ज्यादा प्रयोग मेकअप सैनिटाइजर का किया जाता है जिसे हम रबिंग अल्कोहल के नाम से भी जानते हैं। सके प्रयोग से सभी मेकअप के वस्तुओं को साफ किया जाता है और उन्हें जीवाणु मुक्त किया जाता है। 

मेकअप में स्टेरिलाइजेशन का महत्व

किसी भी सैलून तथा ब्यूटी पार्लर के लिये हाइजीन और सैनिटाइजेशन सबसे पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। खासकर बात जब मेकअप प्रसाधनों तथा टूल्स की हो तो अन्य सभी से यह थोड़ा कठिन हो जाता है। लेकिन समय समय पर सभी मेकअप प्रसाधनों, कॉस्मेटिक्स तथा सभी टूल्स की साफ-सफाई उचित रुप से जरुर की जानी चाहिए। मेकअप चाहे घर पर करें या किसी सैलून अथवा ब्यूटी पार्लर में उसका सीधा कॉन्टेक्ट हमारी स्किन से होता है ऐसे में अनहाइजिनिक मेकअप प्रोडक्ट तथा टूल्स की वजह से हमारी स्किन पर एलर्जिक रिएक्शन, दाने और रैशेज होने के चान्सेज रहते हैं। ऐसे में मेकअप टूल्स तथा उत्पादों को हर यूज के बाद साफ करने से हमारी त्वचा को इस समस्या से बचाया जा सकता है। इसके साथ ही साथ आप अपने महंगे मेकअप प्रोडक्ट तथा टूल्स को भी लम्बे समय तक खराब होने से बचा कर उन्हें सालों तक प्रयोग में ला सकते हैं।  

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सैलून तथा ब्यूटी पार्लर को रबिंग अल्कोहल अथवा मेकअप सैनिटाइजर से समय समय पर अपने सभी मेकअप उत्पादों को साफ किया जाना चाहिए हैं। आप चाहें तो हर दिन अपने मेकअप प्रसाधनों तथा टूल्स को प्रयोग से पहले इस सैनिटाइजर को स्प्रे करके अपने उत्पादों को जर्मफ्री कर सकते हैं। जब भी सैनिटाइजर का छिड़काव करें हमेशा ध्यान रखें कि 8 से 10 इंच की दूरी से करें और फिर 2 से 3 मिनट कर रुक कर ही उनको दोबारा प्रयोग में लायें। 

आईशैडो, बेक्ड पाउडर तथा अन्य पैलेट वाले उत्पादों के ऊपरी सतह को खुरच कर निकाल दें जिससे कि उनका दूषित भाग भी अपने आप नष्ट हो जाएगा और वो दोबारा प्रयोग में लाने के लिये तैयार हो जाएंगें। इसके साथ ही क्रीम बेस्ड उत्पादों को कभी भी सीधे हाथों सा ना निकालें बल्कि एक स्पैचला से निकाल कर ही उसे यूज करें, जिससे कि ये दूषित नहीं होंगें और लम्बे समय तक बिना खराब हुए टिके रहेगें। 

लिपस्टिक, आईलाइनर जैसे मेकअप प्रसाधनों को हमेशा ब्रश से ही लगायें और हर यूज के बाद ब्रशेज को मेकअप क्लीनर से क्लीन जरुर करें। इसके अलावा आप चाहे तो वन टाइम यूज डिस्पोजेबल ब्रशेज का प्रयोग भी कर सकते हैं। आजकल हर ब्रांड के मेकअप क्लीनर मार्केट में मिल रहें हैं इनके प्रयोग से हर बार मेकअप ब्रशेज को यूज करने के बाद नियमित रुप से साफ जरुर करना चाहिए। इससे स्किन इंफेक्शन होने का खतरा नहीं रहता है। लिप लाइनर, काजल तथा आईब्रो पेसिल जैसे उत्पादों को हर यूज के बाद शार्पेन कर लें जिससे की उनका उपयोग किया हुआ लेयर उतर जाए और वो फिर से नये हो जाएं। 

अनहाइजिन तथा कंटिमिटेडेट मेकअप उत्पादों तथा टूल्स के प्रयोग से कई स्किन संबंधी बीमारियाँ हो सकती हैं। इनसे बचने के लिये इन छोटे-छोटे स्वच्छता के नियमों को अपनाकर सैलून और ब्यूटी पार्लर बिना दूषित हुए लम्बे समय तक अपने मेकअप उत्पादों को प्रयोग मे ला सकते हैं।

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